Surajkund Mela 2025: फरीदाबाद जिले में चल रहे सूरजकुंड मेले में इस बार राजाओं-महाराजाओं के दौर की प्राचीन बहरूपिया कला लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है।
राजस्थान के रहने वाले मनोज अपनी पीढ़ियों से चली आ रही विलुप्त होती इस कला को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से मेले में पहुंचे हैं। उनके साथ उनके छह भाई भी इस कला का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे मेले में आए दर्शक मंत्रमुग्ध हो रहे हैं।
मनोज ने बताया कि बहरूपिया कला पहले राजाओं के दरबारों में मनोरंजन का अहम माध्यम हुआ करती थी, जहां कलाकार अलग-अलग रूप धारण कर लोगों का मनोरंजन करते थे। उनके दादा शिवराज इस कला के बड़े कलाकारों में से एक थे, जिन्होंने राजदरबारों से लेकर विदेशों तक अपनी कला का प्रदर्शन किया। Surajkund Mela 2025:
आज भी यह परिवार इस विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का काम कर रहा है, जिससे यह कला लोगों के बीच फिर से जीवंत हो सके। Surajkund Mela 2025: