Sarso: सरसों की बुआई के लिए अक्टूबर का महीना उपयुक्त है। कृषि विभाग अधिकारी डाॅ. विनय कांत ने बताया कि सरसों की बुआई का सबसे अच्छा समय 30 सितंबर से अक्टूबर तक है बुआई के समय तापमान न्यूनतम 18°C तथा अधिकतम 25°C होना चाहिए। ड्रिल विधि से बुआई करें। बीज की गहराई 4 से 5 सेंटीमीटर, पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर रखें. लाइन से लाइन की दूरी 30 सेंटीमीटर रखें. खड़ी फसल में जिंक की कमी के लक्षण दिखाई देने पर 0.5% जिंक सल्फेट और 2.5% यूरिया का घोल बनाकर 10-14 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें।
बीज की किस्में: RH-725, RH-1706, RH-1975, RH-749 और RH-30 किस्मों का चयन करें। समय पर बुआई और निराई-गुड़ाई के लिए आरएच-725, आरएच-1424, आरएच-761 और आरएच-406 किस्मों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
खेत की तैयारी: सिंचित क्षेत्रों में मिट्टी की जुताई करने से पहले दो से तीन बार देशी हल, हैरो या कल्टीवेटर से जुताई करें. बीच उपचार: तना सड़न रोग से बचने के लिए सूखे बीज का उपचार 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति किलोग्राम की दर से बुआई से पहले करना चाहिए।
उर्वरक एवं गीली घास: सिंचित क्षेत्रों में बुआई के समय 35 किलोग्राम म्यूरेंट ऑफ सिंगल सुपर फॉस्फेट और 14 किलोग्राम म्यूरेंट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ डालें। या 30 किलो यूरिया और 25 किलो डीएपी प्रति एकड़ बुआई के समय डाल सकते हैं. बरानी क्षेत्रों में बुआई के समय प्रति एकड़ 35 किलोग्राम यूरिया और 50 किलोग्राम एसएसपी डालें। यदि मिट्टी में जिंक की कमी है तो आखिरी जुताई से पहले खेत में 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति एकड़ डालें।